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लेखनी कहानी -01-Jun-2023 कातिल कौन

भाग 5 
"यार अनु , आ जाओ ना , क्या कर रही हो" ? सक्षम ने जम्भाई लेते हुए कहा । रात के 11 बज रहे थे और सक्षम को नींद आने लगी थी । 
"मुझे मेरे एन जी ओ "उन्नयन" का कुछ काम है अभी । आप सो जाइए , मुझे थोड़ा समय लगेग" अनुपमा अपने कमरे से ही बोली 
"कल सण्डे है ना , कल कर लेना अपना काम । अभी तो "नाइट गेम्स" का टाइम है यार । कब से इंतजार कर रहे हैं हम" ? सक्षम आग्रह करते हुए बोला 
"सण्डे को घर का बहुत सारा काम निकल आता है इसलिए कल ये काम नहीं हो सकता है और ये काम पूरा करना जरूरी है । मैं कर लूंगी इसे, आप तो सो जाओ" । 

अनुपमा मन ही मन खुश हो रही थी सक्षम को तड़पा कर । बीवियां जब नाराज होती हैं तो उनकी नाराजगी "रात" में रौद्र रूप धारण कर लेती है । तब वे गिन गिन कर बदला लेती हैं । अनुपमा को भी सक्षम को सताने का मौका मिल गया था तो वह इसे ऐसे कैसे जाने देती ? मान करवाना तो स्त्रियों का जन्म सिद्ध अधिकार है । रात्रिकाल इस अवसर के लिए सबसे अनुकूल समय है । स्त्रियां इस अवसर को भुनाना बहुत अच्छी तरह से जानती हैं । अनुपमा भी सक्षम की बेताबी को समझकर "मान" कर रही थी । 

 पर सक्षम कहां मानने वाला था ? उसने अनुपमा के प्रयासों पर पानी फेर दिया । वह अनुपमा के पास गया , उसे अपनी मजबूत बांहों में उठाया और बैड पर लाकर पटक दिया । अनुपमा "छोड़ो मुझे, छोड़ो मुझे , ये क्या कर रहे हो ? अजीब जबरदस्ती है" करती रही मगर सक्षम बेशर्मी से हंसता रहा और उसे छेड़ता रहा । सक्षम की छेड़छाड़ अनुपमा को अच्छी लग रही थी । धीरे धीरे बर्फ पिघल रही थी । थोड़ी देर की छेड़छाड़ के बाद अनुपमा सक्षम की बांहों में समा गई । 

अगले दिन रविवार था । रविवार को सब लोग आराम से उठते थे । ना ऑफिस जाने की जल्दी और ना ही समय की कोई पाबंदी । सब काम धीरे धीरे होता है रविवारको । रविवार को कुछ खास दिन बनाने के लिए अनुपमा ने कुछ खास बनाने का सोचा था । उसने खीर , पुए और पूरी बनाने का प्लान बनाया । ये डिश सक्षम को पसंद थी और अक्षत को भी बहुत पसंद थी । वह स्पेशल डाइट की तैयारी करने लगी । 

सक्षम तैयार होने लगा । वह शेविंग करने लगा तो देखा कि शेविंग क्रीम खत्म हो गई है । वह शेविंग क्रीम ढूंढने लगा पर उसे नहीं मिली । सामने पड़ी हुई चीज भी पुरुषों को नहीं दिखती है । पता नहीं उनका ध्यान कहां रहता है ?
"अनु , मेरी शेविंग क्रीम कहां है" ? सक्षम लगभग चीखते हुए बोला । 

अनुपमा तो अक्षत को लंच पर आमंत्रित करने के लिए ऊपर छत पर चली गई थी तो वह कैसे सुनती ? सक्षम को जब कोई उत्तर नहीं मिला तो वह और भड़क गया । अब वह शेविंग क्रीम के बजाय अनुपमा को ढूंढने लगा । उसे अनुपमा ऊपर से आती हुई दिखाई दी । 
"कहां गई थी" ? थोड़े गुस्से से बोला सक्षम । 
"अरे बाबा ऊपर गई थी, अक्षत भैया को बोलने । वो क्या है कि आज रविवार है ना तो मैंने सोचा कि आज कुछ खास बना लिया जाये । जब घर में कुछ खास बन रहा हो तो फिर अक्षत भैया को भी इनवाइट कर लिया जाये । इसलिए मैं अक्षत को इनवाइट करने के लिए ऊपर गई थी । 
"ऊपर जाने की क्या जरूरत थी , फोन से ही कह देती उससे" सक्षम को अनुपमा का अक्षत के पास जाना अखरा । "मेरा फोन चोरी हो गया है तो मेरे पास अक्षत भैया का नंबर नहीं था न । और भैया कहीं बाहर तो रह नहीं रहे, ऊपर ही तो रह रहे हैं, मैं जाकर बोल आई तो ठीक ही किया न । पर्सनल इनवाइट करने की बात ही कुछ और होती है" । अनुपमा ने सहज भाव से कहा । 

सक्षम को अनुपमा का अक्षत के कमरे में जाना अच्छा नहीं लगा । वह बोला "क्या खास बनाने जा रही हो आज" ? 
"आज तो खीर, पुए और पूरी बना रही हूं । साथ में छोले की सब्जी भी । बहुत शानदार डाइट बनने जा रही है आज तो" । अनुपमा उत्साहित होकर बोली । 
"ये डाइट तो अक्षत को बहुत पसंद है ना" ? सक्षम चिढ़ते हुए बोला 
"आपको भी तो पसंद है" अनुपमा को सक्षम का चिढ़ना पसंद नहीं आया । 
"मुझे उतनी पसंद नहीं है जितनी अक्षत को है" । सक्षम एक एक शब्द पर जोर देते हुए बोला । 
"हां, अक्षत भैया को भी बहुत पसंद है यह डाइट । चलो अच्छा है कि तुम दोनों की पसंद का भोजन बन रहा है आज" अनुपमा सक्षम को खुश करने के अंदाज में बोली । 

सक्षम को ऐसा लगा कि अनुपमा अक्षत पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है । अक्षत पर इतनी मेहरबानी सक्षम को खल गई  । वह कुछ बोलने ही वाला था कि डोरबैल घनघना उठी । 
"अब कौन आ मरा" ? सक्षम ने भुनभुनाते हुए गेट खोला । सामने कामवाली बाई कान्ता खड़ी थी । 
"इसको भी अभी आना था" ? सक्षम अनुपमा को कुछ खरी खोटी सुनाने के मूड में था परन्तु कान्ता के सामने लड़ाई करना बुद्धिमानी नहीं थी इसलिए वह चुप रह गया । कभी कभी तीसरे आदमी की उपस्थिति लड़ाई बंद करा देती है । 
"मेरी शेविंग क्रीम खत्म हो गई और नई मिल नहीं रही है" शिकायत के लहजे में सक्षम बोला 
"वो सामने ही तो रखी है" कहते हुए अनुपमा ने सामने की दराज से शेविंग क्रीम निकाल कर सक्षम के हाथ पर रख दी । सक्षम को बड़ा आश्चर्य हुआ कि उसने उस जगह पर तीन तीन बार ढूंढी थी ये शेविंग क्रीम,  पर पता नहीं उसे क्यों नहीं दिखाई दी । "बेशर्म कहीं की ! मेरी मिट्टी पलीत करा दी ना ? आखिर अपना जाति धर्म (फीमेल फीमेल) निभा ही दिया" । बड़बड़ाता हुआ सक्षम बाथरूम में घुस गया । 

अनुपमा खाना बनाने लगी । इतने में मोबाइल बज उठा । 
"हैलो" 
"अनुपमा जी , मैं क्षितिज बोल रहा हूं । कैसी हैं आप" ? 
"मैं ठीक हूं, आप कैसे हैं" अनुपमा ने भी औपचारिकता का निर्वाह किया । 
"अच्छा हूं मैम । दरअसल मैंने फोन इसलिए किया है कि कल से चण्डीगढ़ में महिला उत्थान से संबंधित सभी एन जी ओज की एक वर्कशाप हो रही है । केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती किरण चौधरी इस वर्कशॉप का उद्घाटन करेंगी और माननीय प्रधानमंत्री जी इसमें एक विशेष सत्र लेंगे । आपकी संस्था "उन्नयन" की पूरी टीम के साथ लेकर आना और अपने काम से सबको वाकिफ करवाना । आपने इस क्षेत्र में बड़ा अच्छा कार्य किया है । "महिला उत्थान एन जी ओ संघ" चाहता है कि आपके कार्य को विशेष रूप से माननीय मंत्री जी के सम्मुख रखा जाये जिससे इस संघ की प्रतिष्ठा में चार चांद लगें । तो आपको रिपोर्ट और टीम के साथ इस वर्कशॉप में भाग लेना है" । 
"जी , यह मेरा सौभाग्य होगा" । अनुपमा खुश होते हुए बोली । फोन कट गया । 

अनुपमा को क्षितिज की बात सुनकर बड़ा अच्छा लगा । क्षितिज का भी एक एन जी ओ है । वह भी महिला उत्थान के लिए कार्य करता है । क्षितिज के काम और उसकी ऊंची पहुंच के कारण "महिला उत्थान एन जी ओ संघ" ने उसे अपना अध्यक्ष चुन लिया था । क्षितिजके द्वारा "उन्नयन" की भूरि भूरि प्रशंसा से अनुपमा बहुत प्रसन्न हुई । खाना बनाने में उसे और भी मजा आने लगा । 

लंच तैयार था और डाइनिंग टेबल पर लग चुका था । अक्षत को बुलाना था । अनुपमा ने सक्षम से कहा "लंच तैयार है । अक्षत भैया को फोन करके बुला लो न" 
"तुमने ही आमंत्रित किया है उसे , अब तुम ही बुलाओ" सक्षम मुंह बनाते हुए बोला 
"अरे, ये क्या बात हुई ? इतना सा काम भी नहीं कर सकते हो क्या ? मैं कब से लग रही हूं किचिन में" ? अनुपमा को सक्षम का यह व्यवहार अखर गया । 
"किसने कहा था ये खीर पुए बनाने को ? मैंने तो नहीं कहा था" । सक्षम अब लड़ने के मूड में आ गया था । 
"धीरे बोलो , वो कामवाली बाई सुनेगी तो क्या कहेगी" ? अनुपमा फुसफुसाते हुए बोली 
"क्या कहेगी ? उसकी इतनी हिम्मत है क्या जो कुछ कहे ? वो कौन होती है कुछ कहने वाली" ? सक्षम का गुस्सा अब बाहर आ रहा था और वह लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार था   

अनुपमा को लग गया कि अब सक्षम से बात करना बेकार है । उसने फोन से अक्षत को लंच के लिए बुला लिया । तीनों जने लंच के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गए । 

(क्या अनुपमा और अक्षत के बीच कोई खिचड़ी पक रही है या यह केवल सक्षम का वहम है ? वर्कशॉप में अनुपमा क्या बोलती है , जानने के लिए अगला अंक अवश्य पढें) 

श्री हरि 
5.6.2023 

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8 Comments

Gunjan Kamal

03-Jul-2023 10:19 AM

Nice one

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Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Jul-2023 09:37 AM

🙏🙏🙏

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Alka jain

27-Jun-2023 07:43 PM

Nice 👍🏼

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Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Jul-2023 09:37 AM

🙏🙏🙏

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शानदार भाग

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Hari Shanker Goyal "Hari"

09-Jun-2023 07:23 AM

🙏🙏

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